Wednesday, December 06, 2017

Ek Kahaani chhoti si


हम तुम
एक मौसम के फूल थे
महके, खिले, मिले भी.
फल बना,
टपका।




खाया गया,
फिंक गए छिलके
और गुठली। 




बस.
बात खत्म।





1 comment:

Winsant Online Store said...

Waah... Kya Baat hai.....


Zindagi ko dekhne ka alag hi andaaz hai.....