Thursday, April 29, 2021

On Humour Writing

आजकल हास्य लेखन दुनिया के सब से विषम व्यवसायों में है। 

अपने जीवन में हास्यास्पद कुछ रहा नहीं, और दूसरों पर हंस नहीं सकते। 

किन्तु लेखक जीवन यूं भी विषमताओं से भरा है। 

एक लेखक मित्र ने बताया - उदास कविता लिखा करते थे, रिश्तेदार अवसाद के इलाज बताने लगे। 

एक और लेखक मित्र की सगाई टूट गई। लड़की वालों ने रेफ चेक कराया और इन महोदय का रोमानी चिट्ठा (blog) पकड़ में आया। लाख समझाया, कि लेखन अपनी जगह है, और जीवन अपनी जगह, पर ऐसे 'गंदे' विचारों वाले लड़के को लड़की देने के मत में वे चाचा लोग बिल्कुल नहीं थे, जो स्वयं ३-४ बच्चों के पिता रह चुके थे। वर्जिन मेरी केवल ईसाई धर्म में ही नहीं हुई हैं। इन चाचा लोगों की मानें तो पूरा भारतवर्ष ही कुंवारा बाप है! 

सबसे बड़ी त्रासदी तो ये है कि जब दुनिया के सबसे जोखिम भरे व्यवसायों के बारे में लिखा जाता है, तो लेखक की गणना कहीं नहीं होती। भाई, विवाह संबंध टूट जाना, नौकरी चली जाना, घर वालों से लड़ाई हो जाना, यहाँ तक कि जान पर बन आना, ये क्या कम जोखिम है? 

बात हास्य लेखन से शुरू हुई थी, त्रासदी पर समाप्त होती है। अंग्रेजी में क्या कहावत है? 

हमारी हंसी में छुपी है हमारी पीड़ा,

 हमारे उपहास में हमारा यथार्थ है। 


Humour writing is one of the world’s riskiest professions today.

There is nothing funny in my life and for political reasons, one cannot laugh at anyone else any more. No lawyers, no doctors, not even clowns! 

But its not just humour writing. Writing, by itself, is an eminently perilous path.

A friend’s poetry was slightly dark. Her relatives started suggesting home remedies for depression. She was cured. Of poetry.

Another friend had to pay a steeper price. His arranged marriage was called off when the girl’s side, as part of routine matrimonial verification, stumbled upon his anonymous erotica blog. The poor fellow tried to explain that writing and living are two different things, but the protective uncles of the innocent girl decided that a boy with such ‘dirty’ thoughts was not suitable for their daughter. These uncles, of course, had sired 3-4 children themselves. Which leads me to believe that virgin birth was not just a concept in Christianity. If these uncles are to be believed, the entire population of India was Immaculately Conceived.

 But the greatest tragedy, imho, is this – in the lists of Top 10 Most Dangerous Professions in the World, writing is seldom mentioned. Tell me, what is more dangerous than being assumed mentally ill, losing a job, broken marriage, and even threats to life and family?

Sigh! We started with humour writing and ended with tragedy. What do they say again? 

Our sorrows are hidden in our sweetest smiles. 

Our tragedies in our jokes most vile.


Sunday, April 25, 2021

Aaj ka gyaan

 1 AMA होता है - Against Medical Advice.

India में, 1 AMA उस से भी ज्यादा खतरनाक होता है - Against Mother's Advice
AMA usually stands for - Against Medical Advice.
India has an AMA that is even deadlier - Against Mother's Advice.

Friday, April 23, 2021

Raat Bhar ka hai mehmaan andheraa, kis ke roke rukaa hai saweraa

When one is low, one thinks of poetry to lift spirits. 

Presenting, 3 songs that have helped one much. : 

 

रात भर का है मेहमान अंधेरा 

किस के रोके रुका है सवेरा 


रात जितनी भी संगीन होगी 

सुबह उतनी ही रंगीन होगी 

ग़म न कर गर है बादल घनेरा 

किसके रोके रुका है सवेरा 


लैब पे शिकवा न कर अश्क पी ले 

जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले 

अब उखड़ने को है ग़म का डेरा 

किसके रोके रुका है सवेरा 


आ कोई मिलके तदबीर सोचें 

सुख के सपनों की तासीर सोचें 

जो तेरा है वो ही ग़म है मेरा 

किस के रोके रुका है सवेरा 

- साहिर लुधियानवी 


************* 

दिल न-उम्मीद तो नहीं, नाकाम ही तो है 

लंबी है ग़म की शाम, मगर शाम ही तो है। 

- जावेद अख्तर 

*********

निर्बल से लड़ाई बलवान की, 
यह कहानी है दीये की और तूफ़ान की. 

इक रात अंधियारी, थीं दिशाएं कारी-कारी
मंद-मंद पवन था चल रहा
अंधियारे को मिटाने, जग में ज्योत जगाने
एक छोटा-सा दीया था कहीं जल रहा
अपनी धुन में मगन, उसके तन में अगन
उसकी लौ में लगन भगवान की
यह कहानी है दीये की और तूफ़ान की
कहीं दूर था तूफ़ान, दीये से था बलवान
सारे जग को मसलने मचल रहा
झाड़ हों या पहाड़, दे वो पल में उखाड़
सोच-सोच के ज़मीं पे था उछल रहा
एक नन्हा-सा दीया, उसने हमला किया
अब देखो लीला विधि के विधान की
यह कहानी है दीये की और तूफ़ान की
दुनिया ने साथ छोड़ा, ममता ने मुख मोड़ा
अब दीये पे यह दुख पड़ने लगा -२
पर हिम्मत न हार, मन में मरना विचार
अत्याचार की हवा से लड़ने लगा
सर उठाना या झुकाना, या भलाई में मर जाना
घड़ी आई उसके भी इम्तेहान की
यह कहानी है दीये की और तूफ़ान की
फिर ऐसी घड़ी आई, घनघोर घटा छाई
अब दीये का भी दिल लगा काँपने
बड़े ज़ोर से तूफ़ान, आया भरता उड़ान
उस छोटे से दीये का बल मापने
तब दीया दुखियारा, वह बेचारा बेसहारा
चला दाव पे लगाने, बाज़ी प्राण की
यह कहानी है दीये की और तूफ़ान की
लड़ते-लड़ते वो थका, फिर भी बुझ न सका
उसकी ज्योत में था बल रे सच्चाई का
चाहे था वो कमज़ोर, पर टूटी नहीं डोर
उसने बीड़ा था उठाया रे भलाई का
हुआ नहीं वो निराश, चली जब तक साँस
उसे आस थी प्रभु के वरदान की
यह कहानी है दीये की और तूफ़ान की
सर पटक-पटक, पग झटक-झटक
न हटा पाया दीये को अपनी आन से
बार-बार वार कर, अंत में हार कर
तूफ़ान भागा रे मैदान से
अत्याचार से उभर, जली ज्योत अमर
रही अमर निशानी बलिदान की
यह कहानी है दीये की और तूफ़ान की
निर्बल से लड़ाई बलवान की
यह कहानी है दीये की और तूफ़ान की। 
- भरत व्यास (This song's lyrics taken from Lyrics India



Wednesday, April 21, 2021

Duniya ka sabse neech kaam/ The most debased act possible

बहुधा मन में विचार आता था 

कि दुनिया का 

सबसे नीच काम क्या है? 


आज, बहुत मंथन के बाद 

निश्चय किया है 

कि मेरी मति से 

दुनिया का सब से नीच काम है 


बच्चों, 

फूलों, 

शब्दों,

और खाने वाले अन्न 

को लेकर 

कोइ 

प्रतियोगिता कराना 



************* 


ਮੈਂ ਸਾਰੀ ਉਮਰ ਸੋਚਦਾ ਰਹਯਾ 

ਕੀ ਦੁਨੀਆ ਦਾ 

ਸਬਤੋਂ ਭੈੜਾ ਕੰਮ ਕੀ ਹੈ 

ਸਬਤੋਂ ਵਡਾ ਪਾਪ 

ਸਬਤੋਂ ਡੂੰਗੀ ਖਾਈ 


ਆਜ ਜਾਪਦਾ 

ਕੇ ਮੇਰੇ ਮਨੋਂ, 

ਦੁਨੀਆ ਦਾ ਸਬਤੋਂ ਵਡਾ ਪਾਪ ਹੈ 


ਨਯਾਨਆਂ 

ਫੁੱਲਾਂ 

ਰੋਟੀ 

ਜਾਂ ਅੱਖਰਾਂ ਦਾ 

ਆਪਸ ਵਿੱਚ 

ਕੋਈ 

ਮੁਕਾਬਲਾ ਕਰਾਣਾ । 


i used to often wonder

what might 

the basest thing be 

the worst, absolutely the most dastardly thing 

to do. 


Today, realised that 

in my mind

the worst thing ever, the most debauched 


is to hold a competition 

for 

flowers 

children 

food 

or words. 

PS: This is a wip post. If you have suggestions for saying this better, pls do share. 


Sunday, April 18, 2021

Book Review: Guru Dutt ki Yaadgaari kahaniyaan

 This book is published by Hind Pocket books. 

The blurb mentions that according to a UN survey, Guru Dutt was the best read Hindi author in the 1960s and 70s. 

It is easy to understand why, when one reads the stories. 

The stories are eternal yet gripping. Each story takes you on a roller coaster of emotions, while drawing to a close. 

Some, like Vani ki shuchita, are short and make a point quickly. 

Some, like Talaak (my personal favourite story in the book) demonstrate the strength inherent in Indian women. 

Akhiri Kist is, unfortunately, as relevant today as it was in the 1940s. In fact, reading that story gave me goosebumps because it would be so true today! In any part of of India. 

Unmaad ki chitiksa is hilarious, but only for those who understand the dark humour inherent in it. It drws upon some very Indian concepts. 

GuDiya Raani is predictable, judgemental. 

The other story, after Talaak, that hits you and stays with you, is Apni Dafli. It speaks about a joint family over a long period of time. It really got me thinking, not because everything indicated in the story is true, but because it raises some very pertinent hypothetical questions. 

If you read Hindi short stories, this book is highly recommended. The language is simple, but beautiful. The story telling is nuanced, and very engaging. 

Hindi kitabay - Gurudutt Ki Yadgari Kahania (bookduniya.com)

Saturday, April 17, 2021

पतियों का महामंत्र

 कहते हैं कि खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग बदलता हैये भी कहते हैं कि चिंगारी से चिंगारी जलती हैये उन दोनों में से कौन सा है, पता नहींपर यह लेख नम्रता जी के लेख से सम्मोहित (उफ्फ़!!!! प्रेरित) हो कर के लिखा गया है

पति पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैंवे आपस में सखा, मित्र, आदि भी होते हैंकिन्तु हम, अपने पति की शिष्या होना चाहती हैंउन्हें अपना गुरु बनाना चाहती हैं

क्यूँ?

क्यूंकि हम उनसे एक विशेष जादुई मंत्र सीखना चाहते हैं। 

आइए पहले जानते हैं, इस मंत्र का महात्मय:

 

यह मंत्र ब्रह्मास्त्र की तरह अचूक और घातक हैयह कभी कार्यसिद्धि में विफल नहीं होता

महा मृत्युंजय मंत्र आपकी जान बचाए, उस से पहले आपको उसे २१ बार बांचना होगाकिन्तु यह मंत्र एक ही दिन में २१ बार आपकी जान किसी भी प्रकार के संकट से बचा सकता है

इस चमत्कारी मंत्र का ज्ञान हर बालक को जन्म घुट्टी के समान स्वाभाविक रूप से मिलता है, किन्तु किसी भी कन्या को दहेज के साथ भी बांध कर नहीं दिया जाता

मंत्र के बोल विशिष्ट नहीं हैं, विशेष है, उन्हें प्रयोग करने की विधिहर बार, अचूक तरीके से, यह मंत्र हमारे पति द्वारा प्रयोग किया जाता है, किन्तु आज तक, इसका छोटा सा उपयोग भी हम से सफलता पूर्वक हो पाया

 

तो इसलिए, पति नाम की धूनी रमा कर, हम तपस्या में लीन हैं

 

जब तक हम इस के उपयोग का भेद जान नहीं लेते, यह तपस्या अखंड रहेगी

  

आप सोचते होंगे, क्या है वह मंत्र, और उसका प्रयोग इतना कठिन कैसे हो सकता है

 

तो सुनिए, मंत्र केवल शब्दों का है

 पर इसकी महिमा, इसकी उपलब्धियों का गुणगान, किसी प्रकार संभव नहीं है

 

आप केवल उदाहरण लीजिए

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कार्यालय से फोनपतिदेव : जी सिर, देशों का प्रोजेक्ट, करोड़ का टेन्डरमैंने पहले कभी किया तो नहीं है सर, पर आप चिंता मत कीजिए, मैं १५ दिन में सब काम सीख भी लूँगा, और सम्हाल भी लूँगा

..

इस से पहले.. नहीं सर करोड़ से ऊपर का प्रोजेक्ट किया तो नहीं है, पर आप चिंता कीजिए सर, सब हो जाएगाजी सरआपको भी

 

मिनट बाद हम इन्हीं विद्या विशारद से कहते हैं, “सुनिए जी, ज़रा बर्तन धो देंगे, मुझे छोंक लगाने को चाहिए?”

 

और ये निकला महामंत्र: “मुझे बर्तन धोने कहाँ आते हैं? मुझसे कैसे होगा?”

*****

घर पर शादी हैपतिदेव: माँ, आप चिंता करें, मैं केटरिंग वालों का सब हिसाब किताब देख लूँगासब चीज़ का ध्यान रखूँगा, आटा , चावल, तेल, मजाल है, जो एक भी चीज़ खराब करें!

 

१५ मिनट बाद हम पतिदेव से कहते हैं, “सुनो, ज़रा देखना बच्चे इस साड़ी पर कूदें नहींबड़ी मुश्किल से प्रेस करवाई हैमैं बाल बनवा कर आती हूँ।”

 

मैं? मुझ से कैसे होगा?

***********

 

पार्टी में पतिदेव पास वाली भाभीजी को इम्प्रेस करने के चक्कर में किवदंती सुनाते हैं, “अरे स्कूल में तो मजाल है कभी १०० से नीचे नंबर जाते भाभी जीटीचर तक को खुला चैलेंज दे कर आते थेआधी रात को उठा कर पूछ लीजिए कान्सेप्ट, बिल्कुल सटीक याद रहता था। “

 

अगले दिन उन्हीं पतिदेव से हम: “सुनिए, बिट्टू कब से कह रहा है उसे कम्पाउन्ड इन्ट्रेस्ट समझ नहीं रहाएक बार बैठ कर समझा देंगे आप?”

 

पतिदेव (आश्चर्यचकित): मैं? मुझ से कैसे होगा?

********

अब प्रिय बहनों, आपकी धीमी मुस्कान और सहमति में हिलता सर बताते हैं कि यह महामंत्र विश्वव्यापी हैइसके उपयोग अनेकानेक हैंएक बार इसे प्रयोग करने की विधा सीख लेने पर, ऐसा कोई संकट नहीं जिस से बचा जा सके

अत: सखियों, हम अपने पति की शिष्या बनना चाहते हैं।

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विद्या सीख कर करेंगे क्या

बस, जैसे अंडे की टोकरी खरीद कर बच्चों को डांटने का सफर ख्यालीराम जी ने कुछ ही क्षणों में पूरा कर लिया था वैसे ही, लेख लिखते ही हम सोचने लगे, कि इस अचूक विद्या के प्राप्त होने पर हम उसका प्रयोग किस प्रकार करेंगे

ये देखिए:

१.  पति: सुनती हो, आज मां और दीदी आएंगे, उन्हें ज़रा शॉपिंग कराने ले जाना प्लीज  और देखो, पैसे उन्हें मत देने देनासब जगह तुम्हीं देना

हम (बड़ी-बड़ी आँखें और बड़ी खोल कर): मैं? मुझ से कैसे होगा?

 

२.  पति: सुनती हो, आज आते हुए, बाजार से ज़रा ये सब समान ले आना

हम : मैं? मैं घर छोड़ कर कैसे जाऊँगी? मुझ से कैसे होगा?

 

३.  सुनो, इस बार की घर की किस्त तुम्हारी तनख्वाह से देनी होगी, मेरा जरा दफ़तर की पार्टी में खर्च ज़्यादा हो गया

हम: मैं? मुझ से कैसे होगा?

 

४.  सासु माँ: बेटा, मैंने शालिनी आंटी से कह दिया है, कि दही भल्ले तो जैसे मेरी बहू बनाती है, कोई बना ही नहीं सकताअगले हफ्ते उनकी किटी पार्टी पर दही भल्ले मेरी ओर से होंगे

मैं: मुझ से कैसे होगा?

 

५.  अर्रे! रसोई में लाल मिर्च नहीं है!

हम: देखो जी, रसोई रसोई में १५० चीजें हैं, साबुन तेल आदि में और १०, बच्चों कि किताब कॉपी ४० और, ट्यूइशन का हिसाब, और, बच्चों के एक एक कपड़े, जूते, जुराब की हालत, मरम्मत, लोकेशन, एक एक होमवर्क का स्टैटस अपडेट, करंट लोकेशन, कुल मिला कर, ००- ०० चीजों का हिसाब, दिमाग ही दिमाग में रखना! मुझ से कैसे होगा?


६.  अगले हफ्ते दीदी के बेटे का बर्थडे हैबाजार जा कर ज़रा पार्टी का समान ला कर दीदी के घर पहुंचा देनाऔर हाँ, अपनी ओर से भी महंगा सा गिफ्ट ले आनालगना चाहिए कि मामा ने दिया है!

हम : पसंद दीदी की, भेंट तुम्हारी! मुझ से कैसे होगा?


७.  मम्मी, मम्मी, देखो ये सवाल नहीं रहा

हम: बेटा, स्कूल छोड़े उतने ही साल हमें हुए जितने पिता जी कोउन्हें याद नहीं है, वे पढ़ के समझ सकते हैंतो, मुझ से कैसे होगा?