Thursday, December 07, 2017

Mele par baal kavita

मेला है भाई मेला है 
दूर शहर में मेला है 
झूले और खिलौने होंगे 
हमको देखना मेला है 


तरह तरह के खेल तमाशे 
चिक्की, मिठाई और बताशे 
चलते चलते थक जाते हैं 
ख़त्म न होता मेला है!

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