i have only read one of her books - uneenda vartaman (sleepy present)
and every time one reads her, one loves her even more..
and every time one reads her, one loves her even more..
कुछ लडकियां बनारसी साड़ी होती हैं,
जिनको एक बार देख कर ही जी जुड़ा जाता है..
कुछ लडकियां सुनहरी फरमे में जड़ी रंगीन तस्वीर होती हैं,
जो किसी भी द्रविंग रूम में सजाई जा सकती हैं
कुछ लडकियां पच्छिमी बयार होती हैं
जो बिना बोले
सीने से लग कर चली जाती हैं
कुछ लडकियां होती हैं तितलियाँ
जो बचपन के किसी शौक के पीछे
उम्र भर पन्नों में क़ैद पड़ी रह जाती हैं
कुछ लडकियां होती हैं
बेगम अख्तर की गज़लें
जो बहुत कम लोगों को पसंद आती हैं
कुछ लडकियां माँ की आहें होती हैं
*****************
क्या पता था
वीरान नदी पर
किश्तियों का पुल तो बनेगा
लेकिन रिश्तों का शहर कभी नहीं बनेगा
क्या पता था
कंपोज़ की गोली बनेगी बिचौलिया
मेरी नींद के साथ सुलह करवाने के लिए
********************
क्या पता मैं कब
पहाड़ की और मुंह कर के चली जाऊं
और तुम
मुझे ढूंढते रहो
उसकी आँखों में
******************
चुप्पी में जड़ा हुआ शीशा
तुम्हारे ज़ुल्म की गवाही
********************
2 comments:
Kash zindagi itni veeran na hoti
sanjh bhi nishabd sunsaan na hoti
keher dhati ye hawaaien kuch iss kadar
kaash ke ye zindagi kisi aur ki mehmaan na hoti...
smandar ki lahron ki bhi koi dastaan nahin hoti
hi anonymous: wah wah!!
Post a Comment