Saturday, September 21, 2024

कतरन - फूल

फिर मैंने तुमसे पूछा था, 

"तुम्हें किस रंग के फूल पसंद हैं?" 

तुमने कहा था, "आसमानी" 


पर, आसमानी रंग का तो 

शायद कोई फूल नहीं होता। 


इसीलिए तो! 

जिस दिन फूलों में 

आसमानी रंग उतर आएगा 

उस दिन 

मुरझाए फूल 

धरती पर नहीं गिरेंगे 

पंख उगा कर 

उड़ जाएंगे 

व्योम की ओर 

जैसे मैं उड़ जाना चाहती हूँ। 


क्या तुम्हें धरती 

बिल्कुल सुंदर नहीं लगती? 


बहुत सुंदर लगती है। 

अपनी नहीं लगती। 


Translation: 

And then I asked you 

"What is your favourite colour in flowers?" 

"The colour of the sky," you said. 


"But I don't think 

there is a flower 

the colour of the sky." 


"The day a flower 

finds the sky in itself 

it will not wither 

to fall. 

It will grow wings 

and fly 

to eternity. 

Like I want to." 


"Do you not find this Earth 

beautiful?" 


"Very beautiful. 

Just not.... mine." 


As usual, since the original Hindi uses some wordplay that is unique to Hindi, the translation is not as enjoyable as the original. 

Every language has its own wordplay that I thoroughly enjoy. 



2 comments:

Anita said...

सुंदर कविता, याद आ गया वह गीत, हर कोई चाहता है इक मुट्ठी आसमान

How do we know said...

धन्यवाद अनीता जी! बहुत आभार!