This is a random personal blog - covering everything from poetry to politics. Views presented are strictly my own.
तुम सब से हंस कर बात करती हो न?
हाँ।
मुझ से हंस कर मत किया करो
तो फिर कैसे करूं? रो कर?
शर्मा कर.
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तुम सब से हंस कर बात करते हो न?
हाँ.
मुझ से हंस कर मत बात किया करो।
तो फिर कैसे करूं?
कुछ अचकचेपन से, कुछ अनिश्चितता से।
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पर अब जमाना बदल गया है
शायद। पर जो चुपके से अच्छा लगता/लगती हो, उसके सामने धाराप्रवाह बोला नहीं जा सकता। मन नहीं बदले। :) उसी कोमल प्रेम की याद में।
मन नहीं बदले। :).. ab samajh mein aaya!!!
:)
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पर अब जमाना बदल गया है
शायद। पर जो चुपके से अच्छा लगता/लगती हो, उसके सामने धाराप्रवाह बोला नहीं जा सकता। मन नहीं बदले। :) उसी कोमल प्रेम की याद में।
मन नहीं बदले। :).. ab samajh mein aaya!!!
:)
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