Wednesday, December 18, 2024

katran

तुम सब से हंस कर बात करती हो न? 

हाँ। 

मुझ से हंस कर मत किया करो 

तो फिर कैसे करूं? रो कर? 

शर्मा कर. 


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तुम सब से हंस कर बात करते हो न? 

हाँ.  

मुझ से हंस कर मत बात किया करो। 

तो फिर कैसे करूं? 

कुछ अचकचेपन से, कुछ अनिश्चितता से। 

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4 comments:

Anita said...

पर अब जमाना बदल गया है

How do we know said...

शायद। पर जो चुपके से अच्छा लगता/लगती हो, उसके सामने धाराप्रवाह बोला नहीं जा सकता। मन नहीं बदले। :) उसी कोमल प्रेम की याद में।

Anonymous said...

मन नहीं बदले। :).. ab samajh mein aaya!!!

How do we know said...

:)