Saturday, October 21, 2023

Balmohan Pandeya shers

 एक ये ज़ख़्म ही काफ़ी है मिरे जीने को 

चारागर ठीक न होने की दवा दे मुझ को 

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चारागर ख़त्म भी कर कार-ए-नफ़स अबके बरस

तू तो कह देता है बस अबके बरस अबके बरस

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- ~ बालमोहन पांडेय

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