वैसे तो हर भाषा में अपना रस होता है
पर जो रस भारतीय भाषाओं के मुहावरों में है
वह कहीं नहीं
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मुहावरों पर मेरे सवाल
आव देखा ना ताव
क्या हैं ये - आव और ताव?
इन्हें देखना
क्यूँ जरूरी है
कुछ करने से पहले?
ठाट- बाट से रहने वालों के घर में
ठाट और बाट कहाँ मिलते हैं?
हाथ कंगन को आरसी क्या
- बिना हाथ के कंगन को
आरसी क्यूँ चाहिए?
या, हाथ में कंगन आ जाने से
हाथ को आरसी की आवश्यकता है
ऐसी जादुई वस्तु - आरसी - है क्या?
आनन फानन में से
आनन कौन है
और फानन कौन?
इन दोनों के साथ आने से
काम जल्दी जल्दी क्यूँ हो जाते हैं?
ऊंट के मुंह में जीरा?
पर मुंह तो सबसे बड़ा
हाथी का होता है
और जीरे से छोटी होती है
राई
तो हाथी के मुंह में राई क्यूँ नहीं?
यदि चोर चोर होते हैं
मौसेरे भाई
तो चचेरे, फुफेरे, ममेरे भाई
चोर पुलिस होते हैं?
4 comments:
रोचक सवाल, अब इनके जवाब भी इतने ही रोचक हो सकते हैं यदि कोई थोड़ा सा शोध करे
आरसी का अर्थ तो हम जानते हैं, बाकी सब के जवाब अवश्य रोचक होंगे!
बहुत सुंदर और रोचक कविता
Dhanyavaad!
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