Monday, September 04, 2023

Mera Bachpan thaa aaine jaisaa

मेरा बचपन था आईने जैसा 

हर खिलौने का मुंह टाका करना 


चेहरा - चेहरा मेरी किताबें हैं 

पढ़ने वालो, मुझे पढ़ा करना 


ये रवायत बहुत पुरानी है 

नींद में रेत पर चला करना 


रास्ते में कई खंडहर होंगे 

शहसवारों, वहाँ रुका करना! 


जब बहुत हंस चुको तो चेहरे को 

आंसुओं से भी धो लिया करना 

These are pieces i used to like and write in my diary in childhood. Unfortunately, i didnt record the names of the poets. 

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