This is a random personal blog - covering everything from poetry to politics. Views presented are strictly my own.
वो याद आए तो जी से दुआ निकलती थी
हर एक ज़ख्म से ठंडी हवा निकलती थी
तेरी तलाश में क्या क्या न मरहले आए
हर एक राह कहीं और जा निकलती थी!
मिला जो साया तो दीवार आ गिरी सर पर
जहां खुला था कोई दर बला निकलती थी
Poet unknown
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