जब घर में कोई मर जाता है,
तो कुछ लोग
सोगवार होते हैं
और कुछ लोग
घर पर आने वालों के लिए
चाय की प्यालियाँ धोते हैं
सिलसिलेवार, रगड़ रगड़ कर
पूरा पूरा दिन
बस, चाय डालना, और प्यालियाँ धोना
रोते नहीं, गले नहीं मिलते
बस चाय की प्यालियाँ...
क्यूंकि पूर्णतया सामान्य है
चाय की प्यालियाँ धोना
चाय की प्यालियाँ धोने वाले से
कोई नहीं कहता
कि अपना दुख एक ओर रख कर
धीरज धरो, हौसला करो।
बिलखना, बिखरना,
दहाड़े मार कर रोना,
असामान्य है।
सामान्य है
चाय की प्यालियाँ धोना।
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When a loved one died
I did not
cry, hug, or wail
I went to the kitchen
and started washing
the teacups
for guests
diligently, obsessively,
day after day
the teacups.
Because
no one tells
a hand washing dishes
to calm down, think positive, think ahead.
No one tells you
to deny your grief
if you are washing
teacups.
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