Saturday, May 27, 2023

Hindi poetry

मैंने सुना है 

कि तुम 

शाम को जाती हो 

नदी किनारे 

सैर करने

उसी समय जाते हैं 

नदी पर 

खेलने, कूदने, तैरने 

बच्चे। 


कभी मिले हैं

तुम, और वे? 




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