Friday, April 07, 2023

Aas Shahar

इक याद शहर में 

बसता था मन 

तुमने आस शहर बसाया 

मन बोरिया-बिस्तर 

उठा ले आया। 


सड़कों के नाम रखे 

स्वप्नों पर 

घर का नाम 

रखा "माया"

तुमने आस शहर बसाया 


बिसर गया सब भूत

वर्तमान की भूमि पर 

केवल भविष्यत् काल को पाया 

तुमने आस शहर बसाया। 



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