Saturday, August 20, 2022

Sab Dhyaan Hai

बहुधा भारतीय दर्शनशास्त्र में माया को मोह का, दुख का आधार बताया जाता है। उसे मोक्ष के पथ में अवरोध के रूप में दर्शाया जाता है। किन्तु यदि वह इतनी ही अवांछनीय है, तो इतनी सर्वव्यापी क्यूँ है? यदि सर्वव्यापी है, तो उसका कोई उद्देश्य भी होगा? उद्देश्य है, तो उसे मनुष्य की आध्यात्मिक यात्रा में अपना स्थान आदरसहित मिलना चाहिए! 

यह कविता आज की meditation के बाद स्वत: ही प्रकट हो गई। बहुत समय से इच्छा थी, कि भारत की प्रसिद्ध प्रश्नोत्तर शैली में कुछ लिख पाऊँ। आज वह इच्छा कुछ कुछ पूरी हुई। आभार। 

(संस्कृत काव्य में प्रश्नोत्तर विधा का प्राय: उपयोग किया जाता था। वहीं से इच्छा जागृत हुई।) 



 "तेरी माया अपरंपार है, 

सब ध्यान है, सब ध्यान है 

माया ठगे बन मोहिनी 

नवरस दिखाए सोहिनी 

किन्तु ये सब व्यापार है 

सब ध्यान है, सब ध्यान है" 


ऐसा थे कहते संत जी 

जिनकी थी धूम मस्त जी 

"सब ध्यान है, सब ध्यान है!" 


टकरा उन्हें एक मसखरा 

बिना माथा टेके खड़ा मिला 

भक्तों की बढ़ती भीड़ ने 

डांटा, पर वह भी ना टला 

गुरु जी ने दी उसे दीक्षा, 

"सब ध्यान है, सब ध्यान है" 


"सब ध्यान है तो हे प्रभु 

जग पालते क्यूँ विष्णु? 

क्यूँ माया मन को मोहती? 

किस प्रारब्ध को जोहती?

ये किस विधि का विधान है, 

कि माया अपरंपार है? "


"माया तो बच्चा मार्ग है 

मोक्ष की जड़ त्याग है"


"क्यूँ मोक्ष पाने को जुटा, 

संसार सारा ही कुटा? 

इतने विविध संसार में 

क्या एक गंतव्य मात्र है?

सब ध्यान है, सब ध्यान है?" 


सब शांत हैं, सब मौन हैं 

जग का प्रयोजन गौण है? 

क्यूँ मोक्ष मात्र लक्ष्य बना? 

क्यूँ पथ भी न उत्तम लगा? 


पथ की प्रतिष्ठा है बड़ी 

यश उसका भी गाए कोई 

माया न केवल मोहिनी 

उसका भी अपना स्थान है 

कुछ भोग है, कुछ ध्यान है। 


This piece came on its own after my meditation today 

Rough translation 

Dhyaan means Meditation. 


"Meditation is all, Meditation is all, 

Thus spake the Great Saint. 

The world calls to us 

in a thousand siren songs 

But we must not deviate 

From the path of the Eternal. 

Meditation is all, meditation is all" 


One day, a vagabond

found his way to the Agent of God 

The surging crowds bid him to bow

But budging he was not now. 


"If all is dhyaan, O Great One, 

Why does the Great Vishnnu 

sustain the world, and 

everything in it?"


"The world and 

all things in it

are but routes to the 

Eternal Truth 

Meditation is the only way 

To meet The Eternal God.

Meditation is all. Meditation is all." 


"How, dear Great One 

Can a world so vivid and varied

Have a single destination 

for every soul? 

If Maya (the world) is our path 

Why should we belittle the path? 

The path has its own importance 

And to some, 

the milestones of the path 

are destinations too. 

Let us celebrate the path 

As we celebrate the Destination." 

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