Thursday, July 14, 2022

पितरों  के मोक्ष के अभिप्राय से 

भगीरथ ने की थी 

कठिन साधना 

गंगा के अवतरण के लिए  


गंगा ने समझा 

भगीरथ को उस से आसक्ति है 


पितरों के मोक्ष के बाद 

भगीरथ ने गंगा को प्रणाम किया 

और विदा ली। 


मेरी स्मृतियों के अवशेष

तुम उसी गंगा में विसर्जित करना 

जिसे भगीरथ ने

बिसार दिया था। 

********** 

अपने पित्तरां नू तारण जोग, 

भागीरथ ने तप कित्ता 

गंगा लई:


गंगा निमाणी सोचे 

भगीरथ नू खौरे 

मेरा मोह 


पित्रां दे तरण तो बाद 

भगीरथ ने गंगा नु 

कित्ता परणाम 

ते विदा हो गया 

न सेवा 

न शरीका 


मेरे फुल वी काका जा के 

ऑसे गंगा विच तारीं 

जिणु विसर गया सी 

आप भगीरथ 

  

2 comments:

Anita said...

सुंदर सृजन

How do we know said...

Anita ji: Thank you!