Monday, March 18, 2019

Holi par baal kavita

अ से अबीर, 
ग से गुलाल 
देखो मेरा मुंह 
रंग गया लाल 

ख से खोया 
ग से गुझिया 
खा गयी सारी 
गुझिया मुनिया 

प से पिचकारी 
र से रंग 
दे दो माँ, 
ले जाऊं संग