Monday, April 30, 2018

आओ नया इक खेल बनाएं

आओ नया इक खेल बनाएं 
चंदा तारों की रेल बनाएं 
किला बनाएंगे धरती पर 
फ़ौज बनेगी हम सब की 
दुश्मन दूर आसमान से 
किसी दूर के ग्रह पर बैठे 
विचित्र तरह के प्राणी 
कैसी अनोखी सी शक्तियां 
विधाता से हैं पायी 
कल्पना के हम हथियार बनाएं 
असीम शक्तियों वाले 
ब्रह्मास्त्र को भी जो हरायें 
ऐसी ज्वाला वाले। 


आओ नया इक खेल बनाएं।
उस से सबका मन बहलायें







2 comments:

Himanshu Tandon said...
This comment has been removed by the author.
How do we know said...

Hi HT: totally true!