Tuesday, November 07, 2017

Trishna aur Mrigtrishna


तृष्णा का अंत तृप्ति में हो सकता है,
पर मृगतृष्णा का अंत केवल मृत्यु ही है 


Desire may possibly end with the fulfilment of the desire,
But mirages only lead to death.


Know whether what you seek is a desire or a mirage.

2 comments:

Himanshu Tandon said...

मरीचिका का सम्मोहन ही है जो यात्रा को सहनीय बनाता है
ध्येय अंतिम पड़ाव की निस्तब्धता नहीं, अपितु यात्रा का आवेग है
फिर चाहे उसकी अभिप्रेरणा, तृष्णा हो या मृग-तृष्णा।

How do we know said...

Hi HT:
ध्येय अंतिम पड़ाव की निस्तब्धता नहीं, अपितु यात्रा का आवेग है
फिर चाहे उसकी अभिप्रेरणा, तृष्णा हो या मृग-तृष्णा।

- Pranam!!