वह: ये जो हमारे आज, कल और परसों हैं न, ये बदले नहीं जा सकते.
यह: hmm...
वह: पर ये जो हमारे सपने हैं न, उन्हें इस आज, कल और परसों से कोई फर्क नहीं पड़ता. बादल की तरह वे इस पूरे धुंए, प्रदूषण, परिस्थिति से ऊपर उड़ जाते हैं. हर इंसान के सपने का बादल, उसके दिल से एक लम्बे, पतले से तार से जुड़ा होता है. हम बिना किसी तकलीफ के, दोनों दुनिया में जीते हैं.
यह: कभी पहाड़ों पर घूमने गयी हो?
वह: हाँ...?
यह: पहाड़ों पर अक्सर बादल हमारे आस पास आ जाते हैं, और पल भर में ही, हम बादल के बीच में होते हैं. एक ही मिनट में, हमारा बादल, हमारा आज, अभी बन जाता है.
ये जो " आज, अभी" होते हैं न, इन्ही सब को इकठ्ठा कर के बनते हैं, आज, कल, और परसों.
वह: अच्छा? सच में? आज, कल, और परसों, सिर्फ "अभी, इस पल" का जोड़ है, बस?
इस वाले "अभी" को इकठ्ठा कर लें ?
यह: hmm...
वह: पर ये जो हमारे सपने हैं न, उन्हें इस आज, कल और परसों से कोई फर्क नहीं पड़ता. बादल की तरह वे इस पूरे धुंए, प्रदूषण, परिस्थिति से ऊपर उड़ जाते हैं. हर इंसान के सपने का बादल, उसके दिल से एक लम्बे, पतले से तार से जुड़ा होता है. हम बिना किसी तकलीफ के, दोनों दुनिया में जीते हैं.
यह: कभी पहाड़ों पर घूमने गयी हो?
वह: हाँ...?
यह: पहाड़ों पर अक्सर बादल हमारे आस पास आ जाते हैं, और पल भर में ही, हम बादल के बीच में होते हैं. एक ही मिनट में, हमारा बादल, हमारा आज, अभी बन जाता है.
ये जो " आज, अभी" होते हैं न, इन्ही सब को इकठ्ठा कर के बनते हैं, आज, कल, और परसों.
वह: अच्छा? सच में? आज, कल, और परसों, सिर्फ "अभी, इस पल" का जोड़ है, बस?
इस वाले "अभी" को इकठ्ठा कर लें ?
1 comment:
N, kisi duniya mein kahin, tum pagal ho :)
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