महानगर के लोग
गुलाबों जैसे होते हैं
एक टहनी
कहीं से भी आ कर
कहीं भी
बस थोड़ी सी मिट्टी होनी चाहिए
और नमी
उग आती हैं जड़ें
खिलने लगते हैं फूल
बनने लगते हैं बीज।
पर गुलाब
जंगल नहीं बना सकते
न ही
वटवृक्ष (बरगद) बन सकते हैं
कोई लता नहीं रखती अपना सर
किसी गुलाब के कंधे पर
कोई अटखेलियाँ करती
नहीं चढ़ती
गुलाब के आस पास कोई पौधा उगे तो
गुलाब के फूल
रंग खोने लगते हैं ।
गुलाब के पास का हर पौधा
खर पतवार है (weeds)
जिसे निकालना पड़ता है
गुलाब के पनपने के लिए।
गुलाब
ठंडे वतनों का पौधा है।
सर्द फूल
100 पौधे क्यारियों में लगे
हर पौधा एकाकी।
Big city folks
are like roses
A stem
takes root anywhere.
Flowers come up
Seeds too.
But roses
do not a jungle make
Nor can they become
the life preserving
banyan.
No creepers rest
on these branches
No crawlers climb these arms.
All plants that grow near a rose
Become weeds
for the flowers of rose.
They must be uprooted
for the roses to bloom.
Rose
is a plant
of cold, cold places.
A flower
of cold, cold winters.
A hundred of them in neat rows
Each one
Alone.
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