Saturday, September 17, 2022

महानगर के लोग / Big City People

महानगर के लोग 

गुलाबों जैसे होते हैं 

एक टहनी 

कहीं से भी आ कर 

कहीं भी 

बस थोड़ी सी मिट्टी होनी चाहिए 

और नमी 

उग आती हैं जड़ें 

खिलने लगते हैं फूल

बनने लगते हैं बीज। 



पर गुलाब 

जंगल नहीं बना सकते 

न ही 

वटवृक्ष (बरगद) बन सकते हैं 


कोई लता नहीं रखती अपना सर 

किसी गुलाब के कंधे पर 

कोई अटखेलियाँ करती 

नहीं चढ़ती 


गुलाब के आस पास कोई पौधा उगे तो 

गुलाब के फूल 

रंग खोने लगते हैं । 

गुलाब के पास का हर पौधा 

खर पतवार है (weeds)

जिसे निकालना पड़ता है 

गुलाब के पनपने के लिए। 


गुलाब 

ठंडे वतनों का पौधा है। 

सर्द फूल 


100 पौधे क्यारियों में लगे 

हर पौधा एकाकी। 


Big city folks

are like roses 

A stem 

takes root anywhere. 

Flowers come up 

Seeds too. 


But roses 

do not a jungle make 

Nor can they become 

the life preserving 

banyan. 


No creepers rest 

on these branches 

No crawlers climb these arms. 


All plants that grow near a rose 

Become weeds 

for the flowers of rose. 

They must be uprooted

for the roses to bloom. 


Rose 

is a plant

of cold, cold places. 

A flower 

of cold, cold winters. 


A hundred of them in neat rows

Each one 

Alone. 


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