Thursday, May 24, 2018

एक हमारा छोटा बाल

एक हमारा छोटा बाल 
करता देखो कई कमाल 


बस्ता, मेज़, खिलौने, किताब 
किसी चीज़ का न कोई हिसाब। 


सुबह से शाम तक बस शैतानी 
सब को सताने की इसने है ठानी 


न खाने की सुध है, न पीने का ध्यान 
माँ को बस करता हैरान। 

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