This is a random personal blog - covering everything from poetry to politics. Views presented are strictly my own.
Saturday, February 17, 2018
Pahaad/ Mountain
मैं, पहाड़... मैं बड़ा हूँ तुम्हारे घर, गाँव, और शहरों से भी तुम्हारी पत्थर तोड़ने और खुदाई की मशीनों से. तुम्हारी महत्वाकांक्षा से भी बहुत, बहुत बड़ा हूँ मैं पहाड़।
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