This is a random personal blog - covering everything from poetry to politics. Views presented are strictly my own.
Thursday, February 08, 2018
Dhoop - Bal Kavita
खिली खिली हरियाली धूप सबके मन को भाती धूप खेत निखरते, पौधे खिलते सबकी जीवन दाती धुप फूलों पर है रंग उमड़ता वसंत में जब आती धूप संतरे, मूंगफली और स्वेटर सर्दी की रिश्तेदारी धूप गर्मी में है लू सुलगाती तरबूज़ को मीठा बनाती धूप
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