कितनी अजीब बात है न,
रिश्ते खोखले होते हैं, और शब्द गहरे
चीज़ों की उम्र कम होती जाती है, और कीमत बढ़ती जाती है
गाड़ियों का साइज़ बढ़ता जाता है, और परिवारों का घटता जाता है
तिजारत बढ़ती जाती है, और मोल घटता जाता है।
रिश्ते खोखले होते हैं, और शब्द गहरे
चीज़ों की उम्र कम होती जाती है, और कीमत बढ़ती जाती है
गाड़ियों का साइज़ बढ़ता जाता है, और परिवारों का घटता जाता है
तिजारत बढ़ती जाती है, और मोल घटता जाता है।
2 comments:
Hi HDWK
Nice to see you back after a while!
Jo tumne kaha sahi hai magar kya karein Huzoor - you heard the Tagline in one ad na "Karo Jyada Ka Irada" Hum Jyada ka irada karte karte zindagi ki chhoti khushiyon ko bhool jate hain!
Ek Bharpoor Zindagi Jiyo, Lambi Nahin!
so true!!
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