अपने मातहतों से अंतिम सवाल जवाब करने के पश्चात, मातादीन ने हवलदार को तकीद की, "हमारे घर में जचकी के वक़्त अपनी पत्नी को मदद के लिये भेजी देना." हवल्दार बोला, "जी पेक्ट्सा!"
गफूर बोला, " आप बेफिक्र रहें पेक्ट्सा, मैं भी अपनी घरवाली को भेज दूंगा, खिदमत के लिये! "
मातादीन ने यान के चालक से पूछा, "ड्राइविंग लाइसेंस है?"
जी है साहब!
और गाडी में बत्ती ठीक है?
जी ठीक है.
मातादीन ने कहा, "सब ठीक ठाक होना चाहिये, नहीं तो हराम्ज़ादे को बीच अंतरिक्ष में चलान कर दूंगा. "
चांद से आये चालक ने कहा, "हमारे यहां आदमी से ऐसे बात नहीं करते. "
मातादीन ने कहा, "जानता हूं बे, तुम्हारी पुलिस कमज़ोर है. अभी मैं उसे ठीक करता हूँ. "
मातादीन यान में कदम रख ही रहे थे कि एक हवल्दार भागता हुआ आया. बोला, " पेक्ट्सा, एस. पी. साहब के घर में से कहे हैं कि चांद से ऐडी चमकाने वाला पत्थर लेते आना."
मातादीन खुश हुए. बोले, "कह देना बाई साहब से, ज़रूर लेता आऊंगा. "
वे यान में बैठे और यान उड चला. पृथ्वी के वायु मंडल से यान बाहर निकला ही था कि मातादीन ने चालक से कहा – अबे, हॉर्न क्यों नही बजाता?
चालक ने जवाब दिया, आस पास लाखों मील तक कुछ भी नही है.
मातादीन ने डांटा – मगर रूल इज़ रूल. हॉर्न बजाता चल.
चालक अंतरिक्ष में हॉर्न बजाता हुआ यान को चान्द पर ले आया.
अंतरिक्ष अडडे पर पुलिसकर्मी मातादीन के स्वागत के लिये खडे थे. मातादीन रोब से उतरे और उन अफ्सरों के कन्धों पर नज़र डाली. वहां किसी के स्टार नही थे. फीते भी किसी के नही लगे थे. लिहाज़ा मातादीन ने एडी मिलाना और हाथ उठाना ज़रूरी नही समझा.
मातादीन को वे लोग ले गये और एक अच्छे बंगले में उन्हें टिका दिया.
एक दिन आराम करने के बाद मातादीन ने काम शुरू किया. सबसे पहले उन्होने पुलिस लाईन का मुलाहिज़ा किया. शाम को उन्होने IG से कहा, आपके यहां पुलिस लाईन में हनुमान जी का मन्दिर नही है, हमारे राम राज में पुलिस लाईन में हनुमान जी हैं.
IG बोले, हनुमान जी कौन थे, हम नही जानते??
मातादीन ने कहा, हनुमान जी का दर्शन हर कर्तव्यपरायण पुलिसकर्मी के लिये ज़रूरी है. वे सुग्रीव के यहां special branch में थे. उन्होने सीता माता का पता लगाया था. Abduction का मामला था. दफा 362. हनुमान जी ने रवण को सज़ा वहीं दे दी. पुलिस को ये अधिकार होना चाहिये कि अपराधी को पकडा और सज़ा वहीं दे दी. मगर ये system हमारे राम राज में अभी शुरू नही हुआ.
हनुमान जी के काम से भगवान रामचंद्र बहुत खुश हुए. वे उन्हें अयोध्या ले आये.
वही हनुमान जी हमारे अराध्य देव हैं. मैं उनकी फोटो साथ लेता आया हूं. उस पर से मूर्ती बनवाइये और हर पुलिस लाईन में स्थापित करवाइये.
थोडे ही दिनों में चान्द की हर पुलिस लाईन में हनुमान जी स्थापित हो गये.
6 comments:
bechare Chand wale....:))
Please dont lose ur enthu...keep posting :)
Still, I'd hate to see that keyboard. Have yet to find a translator on line that will deal with the script...
Hi neihal: theek hai, will soldier on, while I can :-) Anything for u!
Hi PG: As soon as the story is over in Hindi, will post a synopsis in English for you and for everyone who cannot read Hindi. My apologies in the interim..
No worries. As I said I think it is beautiful, but it must be painful writing a long sentence by hand. I am so clumsy even writing my own alphabet is a chore. I couldn’t imagine attempting letters as delicate as yours.
No worries. As I said I think it is beautiful, but it must be painful writing a long sentence by hand. I am so clumsy even writing my own alphabet is a chore. I couldn’t imagine attempting letters as delicate as yours.
The Hanumanji interpretation is top class :)
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