पूछा जायेगा, इंसपेक्टर मातादीन चांद पर क्यों गये थे? टूरिस्ट की हैसियत से या किसी फरार अपराधी को पकड्ने? नहीं, वे भारत की तरफ से सांस्कृतिक आदान प्रदान के अंतर्गत गये थे. चांद सरकार ने भारत सर्कार को लिखा था, "यों हमारी संस्कृति और सभ्यता बहुत आगे बडी है. पर हमारी पुलिस में पर्याप्य क्षमता नही है. वह अपराधी का पता लगाने और उसे सज़ा दिलाने में अक्सर सफल नही होती. सुना है, आप के यहां राम्राज है, मेहर्बनी करके किसी पुलिस अफसर को भेजें जो हमारी पुलिस को शिक्षित कर दे.
गृहमंत्री ने सचिव से कहा, "किसी I.G. को भेज दो."
सचिव ने कहा – नहीं सर I.G. नहीं भेजा जा सकता. प्रोटोकोल का सवाल है. चांद हमारा एक क्षुद्र उपग्रह है. I.G. के रैंक के आदामी को नही भेजेंगे. किसी सीनिअर इंस्पक्टर को भेज देता हूं.
तय किया गया कि हज़ारों मामलों के इंवेस्टिगटिंग ओफिसर सीनिअर इंस्पक्टर मातादीन को भेजा जाये.
पुलिस मंत्री ने मातादीन को बुलाकर कहा, तुम भारतीय पुलिस की उज्ज्वल परम्परा के दूत की हैसियत से जा रहे हो. ऐसा काम करना कि सारे अंतरिक्ष में डिपार्टमेंट की ऐसी जै – जै कारण हो कि प्रधान मंत्री को भी सुनायी पड जाये.
चांद की सरकार को लिखना दिया गया कि आप मातादीन को लेने के लिये पृथ्वी यान भेज दें.
मातादीन की यात्रा का दिन आ गया. एक यान अंतरिक्ष अड्डे पर उतरा. मातादीन सब से विदा ले कर यान की ओर बढे. वे धीरे धीरे अपने ईश्टदेव को भी याद किये जाते थे.
अपने मातहतों से अंतिम सवाल जवाब करने के पश्चात, मातादीन ने हवलदार को तकीद की, "हमारे घर में जचकी के वक़्त अपनी पत्नी को मदद के लिये भेजी देना." हवल्दार बोला, "जी पेक्ट्सा!"
6 comments:
I had guessed this one :)
Very interesting story so far...
Exceptionally pretty alphabet. Sad to hear about the accident.
hahahahhaha
AWESOME post!!
Parsai was a genuis...and thanks a lot dude...for posting this story...:))
PS: I hope my comment will be published this time...or else I'll post it on my blog:D
YAYYYY!!!!
hi Wriju: Hang on, it gets better.. don't ask me abt the effort to type out the whole thing though!!
Hi PG: Thanks!! its the Devanagari script. used to write Hindi and also Sanskrit, the ancient language. :-)
Hi Neihal: Congratulations! I know the frustration of going on wanting to post and blogger playing traunt! Read on, more of this story is coming, till my typing enthu lasts ;-)
Indeed this is a great effort by you....
we had a whole chapter on "इंसपेक्टर मातादीन चांद पर" I guess in 12th or grads.
kudos to u............ :)
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