Wednesday, October 09, 2024

क्षणिका

मैंने तुमसे नहीं सीखा 

गिर कर सम्हलना 

तुम्हारा योगदान 

बस गिराना भर था। 

2 comments:

Anita said...

और वह भी कुछ कम नहीं है बल्कि अधिक ही है

How do we know said...

जी। वहीं से शुरू होती है, आत्मनिर्भर होने की कथा।