Thursday, October 24, 2024

क्षणिका

अदल बदल कर 

कानों में डलते रहते हैं 

तेरे जुमले 

मेरे झुमकों से हैं पिया 




4 comments:

Anita said...

वाह! कोमल भाव

How do we know said...

Dhanyawaad!

प्रतिभा सक्सेना said...

वाह, एकदम ताज़ी-टटकी उद्भावना!

How do we know said...

जी, धन्यवाद!!