रोज़ रात को
"कैसा रहा आज का दिन? क्या क्या हुआ?"
- ऐसा कुछ मत पूछना।
कमरे का दरवाज़ा बंद कर देना भीतर से
और चुपके से कहना,
"मैं तुम्हें बचा लूँ?"
फिर एक अलमारी के कपाट से
एक जादुई दुनिया का रास्ता खोलना
वहाँ ले जाना
सारी रात - बस परियाँ, लतीफे, और मीठी गोलियां।
सुबह दबे पाँव
वापिस कमरे में ले आना
बिस्तर पर पैदा करना सलवटें
और तब
दरवाज़ा खोलना।
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