उसकी कविता में
'अ' से अत्याचार, 'आ' से आतत्ताई,
'क' से क्रूरता, 'ह' से हत्या
की
वर्णावली है।
कितनी सुखद बात है
कि मुझे उसकी कविता
समझ ही नहीं आती।
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उसकी कविता में
'अ' से अत्याचार, 'आ' से आतत्ताई,
'क' से क्रूरता, 'ह' से हत्या
की
वर्णावली है।
कितनी सुखद बात है
कि मुझे उसकी कविता पर
कतई विश्वास नहीं होता
मेरी वर्णमाला में
'अ' से अनार, और 'आ' से आम ही रहते हैं
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