Wednesday, November 24, 2021

Funny Hindi poem on exercise

 एक दिन हुआ ये संयोग

सीखने चले हम भी योग

 

पहले प्राणायाम कराया

फिर टीचर ने गले लगाया

इतनी गहरी होगी सांस

हमको कब था ये आभास?

 

पद्मासन ने छक्के छुड़ाए

टांगें कोई कैसे सधाये ?!

पैर करें न वार्तालाप

हम ही करते चले विलाप!  

आ- आ – आ के साथ

पद्मासन न छोड़े जान

 

“चलो तुम्हें कुछ सरल सिखाएँ”

गुरु ने ये तेवर अपनाए

सूर्य नमस्कार करें आरंभ

सरल हो योग से संबंध

किन्तु सूर्य नभ-पथिक हैं

उनका  नमन बहुत कठिन है!

 

गुरु अब हौले से मुस्काए

अपना ब्रह्मास्त्र ले आए

“आपके लिए है एक ही आसन”

कह कर सिखाया शवासन!

हम भी हो गए तुरंत प्रसन्न!

गुरु को किया कोटि नमन!

No comments: