Wednesday, November 10, 2021

दिवाली

सुनो, इस बार यूं करो 

ये 'मन का दीपक' रहने दो 

'अंदर का रावण' रहने दो 

सब ज्ञान की बातें रहने दो 


लड्डू खाओ, पेड़े खाओ, 

वो हेल्थी - वेलदी रहने दो 

बाज़ार जाओ, समान लाओ, 

ये ऑनलाइन - वॉनलाइन रहने दो 

 

पैर छुओ, गले मिलो, 

ये व्हाट्सप्प मैसेज रहने दो। 

खूब सजें, मन भर के हंसें,

अब ऐसी दिवाली करने दो। 


No comments: