सुनो, इस बार यूं करो
ये 'मन का दीपक' रहने दो
'अंदर का रावण' रहने दो
सब ज्ञान की बातें रहने दो
लड्डू खाओ, पेड़े खाओ,
वो हेल्थी - वेलदी रहने दो
बाज़ार जाओ, समान लाओ,
ये ऑनलाइन - वॉनलाइन रहने दो
पैर छुओ, गले मिलो,
ये व्हाट्सप्प मैसेज रहने दो।
खूब सजें, मन भर के हंसें,
अब ऐसी दिवाली करने दो।
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