ये खालीपन
धुंध सा है...
चारों ओर से ढक लेता है
कुछ भी नज़र नहीं आता
किसी का साथ नहीं
हंसी की धुप
से छंट जाता है
ज़रा देर
गर्म, मुलायम बातों से
गायब हो जाता है
अकेलेपन की ठंडी, रूखी सर्दी में
जैसे धुंध
वैसे
ये खालीपन॥
धुंध सा लगता है
ये खालीपन
धुंध सा है...
चारों ओर से ढक लेता है
कुछ भी नज़र नहीं आता
किसी का साथ नहीं
हंसी की धुप
से छंट जाता है
ज़रा देर
गर्म, मुलायम बातों से
गायब हो जाता है
अकेलेपन की ठंडी, रूखी सर्दी में
जैसे धुंध
वैसे
ये खालीपन॥
धुंध सा लगता है
ये खालीपन
6 comments:
nice composition....:)
Kya hua yaar ?
Cynosure: Thanks.
Manish: sote sote metaphor dimaag mein aaya. post karte hus prose post became difficult. :-) thats all.
wut??
Hi Phos: this piece says that loneliness is like fog. it gets dense with being .. well, lonely, and gets better with the sunshine of laughter or companionship. :-)
u really need to read one of dee's latest status updates n my comment on it! u'll like the similar unfamiliarity :)
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