When old favourites come to mind...
आँख से दूर ना हों, दिल से उतर जाएगा
वक्त का क्या हैं, बदलता हैं बदल जाएगा
- a sher that someone very dear told me ages ago
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मैं पल दो पल का शायर हूँ, पल दो पल मेरी कहानी हैं,
पल दो पल मेरी हस्ती हैं पल दो पल मेरी जवानी हैं
कल और आयेंगे नगमों की खिलती कलियाँ चुनने वाले
मुझ से बेहतर कहने वाले तूम से बेहतर सुनाने वाले।
कल कोई मुझ को याद करे, क्यूँ कोई मुझ को याद करे,
मसरूफ ज़माना मेरे लिए , क्यूँ वक्त अपना बरबाद करे॥
- from that famous song.
आँख से दूर ना हों, दिल से उतर जाएगा
वक्त का क्या हैं, बदलता हैं बदल जाएगा
- a sher that someone very dear told me ages ago
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मैं पल दो पल का शायर हूँ, पल दो पल मेरी कहानी हैं,
पल दो पल मेरी हस्ती हैं पल दो पल मेरी जवानी हैं
कल और आयेंगे नगमों की खिलती कलियाँ चुनने वाले
मुझ से बेहतर कहने वाले तूम से बेहतर सुनाने वाले।
कल कोई मुझ को याद करे, क्यूँ कोई मुझ को याद करे,
मसरूफ ज़माना मेरे लिए , क्यूँ वक्त अपना बरबाद करे॥
- from that famous song.
3 comments:
I have been singing this for the past 2 days :)
Telepathy ho gayi!
Beautiful lines- my all-time favourite.
saahir ki yaad kyon aayi apko?
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