Kshanika: Prem
प्रेम
जामुन नहीं है
जो पेड़ से
स्वत:
टपक ही पड़ता है.
वर्षों की मेहनत के बाद
प्राप्त होने वाला फल है
प्रेम.
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प्रेम
फल नहीं है.
प्रेम खेती है.
जिस में लगता है
श्रम
समय
श्रद्धा
अन्धविश्वास।
जीवन
फसल है.
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