पहले मेरा , सच
एक ही चेहरा होता था।
फिर?
मिलते गये लोग,
लदते गये,
रिश्तों के नाम,
अठन्नी, चवन्नी उम्मीदें
लोगों की।
बनते गये
उम्मीद से मिलते जुलते
चेहरे मेरे।
पर पहले
एक ही चेहरा था, सच।
एक ही चेहरा होता था।
फिर?
मिलते गये लोग,
लदते गये,
रिश्तों के नाम,
अठन्नी, चवन्नी उम्मीदें
लोगों की।
बनते गये
उम्मीद से मिलते जुलते
चेहरे मेरे।
पर पहले
एक ही चेहरा था, सच।
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