बूझो बूझो बूझो
मगज लगा कर जूझो
बिन हल के हलवाहा
खेत जोतता , अहा!
कड़ी फोड़ कर मिटटी
ढीली करता गिट्टी
लगता अरे, सपोला!
लेकिन विष से पोला
भूरा कोमल फीता
मिटटी खा कर जीता
दिल रखे हैं आठ
ऐसे उस के ठाट
अंडे से हो पैदा
खुद है नर ो मादा
छू अंगुल तर हुआ,
कौन, कौन, _______________?
This is an excerpt from the book "Boojho boojho" published by Eklavya. Its a brilliant book on poetic riddles in Hindi.
मगज लगा कर जूझो
बिन हल के हलवाहा
खेत जोतता , अहा!
कड़ी फोड़ कर मिटटी
ढीली करता गिट्टी
लगता अरे, सपोला!
लेकिन विष से पोला
भूरा कोमल फीता
मिटटी खा कर जीता
दिल रखे हैं आठ
ऐसे उस के ठाट
अंडे से हो पैदा
खुद है नर ो मादा
छू अंगुल तर हुआ,
कौन, कौन, _______________?
This is an excerpt from the book "Boojho boojho" published by Eklavya. Its a brilliant book on poetic riddles in Hindi.
2 comments:
Answer: Kenchua; Earthworm
Blogging is the new poetry. I find it wonderful and amazing in many ways.
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