Thursday, July 13, 2017

Swarg Nark

My dadi had a really strange theory


कोई स्वर्ग या नर्क नहीं होता. स्वर्ग और नर्क दोनों यहीं होते हैं. हर किसी को बूढा होना है और हर किसी को मरना है. धीरे, धीरे, दर्द से मरते हुए मरना, औरों पर मोहताज होकर जीना, यही नर्क है. अपने पैरों चलते जाना, बिना बीमारी के निकलना, यही स्वर्ग है.


Now, whenever I do anything bad, the picture of dying in pain, dependant upon other people, alarms me no end. Its a very effective threat.

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