Monday, June 13, 2016

The Little Prince in Hindi - Chapter 1

जब मैं ६ साल का था, मैंने एक किताब में एक बहुत ही रोमांचक तस्वीर देखी।  एक बड़ा सा सांप, अपने शिकार को निगल रहा था. किताब में लिखा था की ये सांप अपने शिकार को पूरा ही निगल जाता है, चबाता भी नहीं. और फिर, पूरे ६ महीने तक  रहता है, और उसका शिकार धीरे धीरे पचता रहता है.
मैंने इसके बारे में बहुत सोचा, और फिर, अपना काम ख़त्म करने के बाद, मैंने एक तस्वीर बनायीं. तस्वीर में वाही बड़ा सांप एक पूरा हाथी निगल गया  था,और हाथी साफ़ साफ़ उसके पेट में नज़र भी आता था. 
फिर मैंने वो तस्वीर कुछ बड़े लोगों को दिखाई और  उनसे पूछा की क्या ये तस्वीर डरावनी है?
मेरी बात सुन कर वो हंसने लगे. "भला टोपी की तस्वीर से भी कोई डरता है? "
पर वह टोपी की तस्वीर ही नहीं थी! उफ़! बड़े लोगों को तो कुछ भी समझ नहीं आता! उन्हें सब कुछ आसान कर के दिखाना और समझाना पड़ता है. इस लिए, उनकी बुद्धि के मुताबिक़, मैंने एक तस्वीर और बनायीं. इस बार, सांप के पेट के अंदर हाथी साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था. 
पर बड़े लोगों से तो किसी समझदारी की उम्मीद करना ही बेकार है! तस्वीर तो उन्हें फिर भी समझ नहीं आई, उलटे वे मुझे समझाने लगे कि मुझे ये तस्वीरें बनाना छोड़ कर , पढाई लिखाई में ध्यान देना चाहिए. 
और इस तरह , ६ साल की उम्र में, एक महान चित्रकार का करियर समाप्त हो गया. मैं जान गया की बड़े लोगों को कुछ भी समझ आने से रहा , और भला बच्चे कितनी देर तक बैठ कर इन्हे छोटी छोटी बातें समझा सकते हैं?!

और फिर मैं एक पायलट बन गया. उस से मैंने बहुत कुछ सीखा. जैसे कि , मैं आसमान से देख कर बता सकता हूँ, की ये चीन है या अमरीका।  अगर कोई पायलट रात को खो जाए, तो ऐसी जानकारी उस के बहुत काम आ सकती है!

इतने सालों में, मैं बहुत सारे बड़े लोगों से मिला हूँ, जो हमेशा काम की बात करना चाहते हैं. मैं उनके साथ रहा भी हूँ, और उन्हें बहुत पास से जाना भी है. लेकिन सच मानिए, इस से मेरी उनके बारे में राय बिलकुल नहीं बदली। बड़े लोग कुछ भी नहीं समझ पाते!

अगर कहीं मुझे कोई ऐसा इंसान मिल भी जाता है, जो थोड़ा सा भी समझदार मालूम पड़ता है, तो मैं उसे अपनी पहली तस्वीर दिखता हूँ,और पूछता हूँ, कि  ये क्या है?. हमेशा, हर बार, जवाब वही होता है - यह एक टोपी की तस्वीर है. 
 बस,ये सुनने के बाद मैं  उस से कोई भी महत्त्वपूर्ण बात नहीं करता - ना तारों की, ना बड़े बड़े ,साँपों की।  फिर मैं उस की समझ के मुताबिक नीचे उतर आता हूँ  और वो बातें करता हूँ जो वह समझ सके - जैसे कि खेल, राजनीति, अर्थशास्त्र। और वह इंसान बड़ा खुश नज़र आता है, कि उसे बड़ा समझदार इंसान मिला है. 

This translation is being done specially for the visually challenged - for the online audio library.

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