Monday, June 29, 2015

Trishanku

तुम 
कविता में 
पढ़ना मुझ को 
मैं बस वहीँ 
समझ आती हूँ
****************
पकड़ना चाहो,
तो यथार्थ में 
मिलना 

समझना चाहो 
तो कविता से  
समझना मुझको 


Read me
in a book of poetry
that is the only place
where I can be
understood.
 

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