तुम
कविता में
पढ़ना मुझ को
मैं बस वहीँ
समझ आती हूँ
****************
पकड़ना चाहो,
तो यथार्थ में
मिलना
समझना चाहो
तो कविता से
समझना मुझको
Read me
in a book of poetry
that is the only place
where I can be
understood.
कविता में
पढ़ना मुझ को
मैं बस वहीँ
समझ आती हूँ
****************
पकड़ना चाहो,
तो यथार्थ में
मिलना
समझना चाहो
तो कविता से
समझना मुझको
Read me
in a book of poetry
that is the only place
where I can be
understood.
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