Tuesday, January 10, 2023

कतरन / Katranein

कभी शर्म से सुर्खरू, कभी गुस्से में लाल पीली - तुम्हारे कितने रंग हैं? 

जितने रंग धनक के, उतने मेरे! 

मतलब,  सात? 

न! हर वो रंग, जो तुम्हारी आँख देख सकती है।


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