हिन्द की भाषा हिन्दी
हम सब की माता हिन्दी
संस्कृत की बेटी
ज्ञान की पेटी
रंग से भरी
बचपन की परी
गर्मी में बनती बयार
जाड़े में कुनकुनी ज्वाल
मिट्टी की सौंधी सुगंध
लोरी माँ के आँचल संग
ऐसी मुझको लगती हिन्दी
मेरी अपनी, प्यारी हिन्दी
Note: This poem was written for my son's class assignment on Hindi Diwas. If reusing, pls give credit. Thank you!
हम सब की माता हिन्दी
संस्कृत की बेटी
ज्ञान की पेटी
रंग से भरी
बचपन की परी
गर्मी में बनती बयार
जाड़े में कुनकुनी ज्वाल
मिट्टी की सौंधी सुगंध
लोरी माँ के आँचल संग
ऐसी मुझको लगती हिन्दी
मेरी अपनी, प्यारी हिन्दी
Note: This poem was written for my son's class assignment on Hindi Diwas. If reusing, pls give credit. Thank you!
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