पहले कविता,
मेरे घर ही रहती थी
झूले पर
लड़ाइयां करती थी,
उन्मुक्त हंसती,
बेबाक रोती
कभी झरने सी,
कभी अल्हड़ लड़की सी
कुनकुनी धूप में
सुस्ता कर निखरती थी,
और सख्त गर्मी में
अपनी सख्तजानी जताती थी।
फिर?
फिर वही हुआ
जो हर बढ़ती लड़की
और नदी के साथ होता है
धीरे धीरे
लड़कियों पर अंकुश
और नदियों पर बाँध
हतप्रभता
मैं भी बन गया
मीत से
कुम्हार…
उसका साथ देना छोड़ कर
उसे गढ़ने लगा
जब मैं बना सवार
तो वह
घोड़ी नहीं बनी
तब वह
देवी बन कर
अंतर्ध्यान हो गयी, बस.
तुम्हे यकीन ना आये,
ये सहज ही है
पर ये सच है,
पहले कविता,
मेरे घर ही रहती थी।
Poetry
Lived here
Once upon a time..
We fought for the swings
She laughed with gay abandon
and cried without shame.
Like a young girl,
she met the world
with unbridled passion,
not unlimited wisdom.
Then?
She faced
what all rivers
and girls do
- dams
and Damns.
I went from
being her friend
to being her conductor.
At that point,
she did not mature into
a horse
She became
A Goddess
Invisible.
I understand
You will not believe
But Poetry
lived here
Once upon a time..
मेरे घर ही रहती थी
झूले पर
लड़ाइयां करती थी,
उन्मुक्त हंसती,
बेबाक रोती
कभी झरने सी,
कभी अल्हड़ लड़की सी
कुनकुनी धूप में
सुस्ता कर निखरती थी,
और सख्त गर्मी में
अपनी सख्तजानी जताती थी।
फिर?
फिर वही हुआ
जो हर बढ़ती लड़की
और नदी के साथ होता है
धीरे धीरे
लड़कियों पर अंकुश
और नदियों पर बाँध
हतप्रभता
मैं भी बन गया
मीत से
कुम्हार…
उसका साथ देना छोड़ कर
उसे गढ़ने लगा
जब मैं बना सवार
तो वह
घोड़ी नहीं बनी
तब वह
देवी बन कर
अंतर्ध्यान हो गयी, बस.
तुम्हे यकीन ना आये,
ये सहज ही है
पर ये सच है,
पहले कविता,
मेरे घर ही रहती थी।
Poetry
Lived here
Once upon a time..
We fought for the swings
She laughed with gay abandon
and cried without shame.
Like a young girl,
she met the world
with unbridled passion,
not unlimited wisdom.
Then?
She faced
what all rivers
and girls do
- dams
and Damns.
I went from
being her friend
to being her conductor.
At that point,
she did not mature into
a horse
She became
A Goddess
Invisible.
I understand
You will not believe
But Poetry
lived here
Once upon a time..
2 comments:
Beautiful lines. Very true.
Thank you sir!
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