तुझको चलना तो था मेरे साथ
हमदम
और मैं
रुका भी रहा
तेरे लिए
पर ऐन उसी शब तुझको
तेरे माजी ने बुला लिया
और तू
बीन मोहित नाग की तरह
चल दिया
सब छोड़ कर .
तुझको चलना तो था मेरे साथ हमदम
और मैंने
तेरे लिए बनाया भी था
एक छोटा सा आशियाँ
जहां न बिजलियाँ गरजें
और न ही
तन्हाई की लू सताए
पर तू
ऐन उसी वक़्त
पड गया
सोने की चकाचौंध में
और सोना भला
चैन से सोने से
कब हारा है ?
तूने थामा तो था मेरा हाथ ज़रूर
पर उस हाथ में एक मुंदरी भी थी
अब उस मुंदरी के हीरे को
मैंने निगल लिया है
अब
न तू, न तेरा साथ
न तेरा माजी
न सोना
बस ये
कमरा
सुबह की धुप
छन कर आती हुई
और एक खाली हाथ
अब तू
इस घर का कहाँ रहा?
3 comments:
oh my god. beautiful.
Its amazing gal...and how touching....and pouring out one's heart...thank you...much love and hugs
hi South Looper: :) thanks babe.
Hi Yam: yeah.. pouring outthe heart just abt covers it..
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