Wednesday, October 20, 2021

One more sexist joke, and my repartee

 पत्नी औ घड़ी के बीच का संबंध :....

 - समानताएं :

1. घड़ी चौबीस घंटे टिक-टिक करती रहती है !! और पत्नी चौबीस घंटे किट-किट करती रहती है !!

 2. घड़ी की सूइयाँ घूम-फिर कर वहीं आ जाती हैं !! उसी प्रकार पत्नी को आप कितना भी समझा लो, वो घूम-

फिर कर वहीं आ जायेगी और अपनी ही बात मनवायेगी !!

 3. घड़ी बिगड़ जाये तो मैकेनिक के यहाँ जाती है !! पत्नी बिगड़ जाये तो मैके जाती है !!

 4. घड़ी को चार्ज करने के लिये सेल (बैटरी) का प्रयोग होता है !! और पत्नी को चार्ज करने के लिये सैलेरी का प्रयोग होता है !!

 

- विषमतायें :

1. घड़ी में जब १२ बजते हैं तो तीनों सूइयाँ एक दिखाई देती हैं !! लेकिन पत्नी के जब १२ बजतेे

  तो एक पत्नी भी ३-३ दिखाई देती है !!

 2. घड़ी के अलार्म बजने का फिक्स टाइम है !! लेकिन पत्नी के अलार्म बजने का कोई फिक्स टाइम नहीं है !

 3.घड़ी बिगड़ जाये तो रूक जाती है !! लेकिन जब पत्नी बिगड़ जाये तो शुरू हो जाती है !!

4. सबसे बड़ा अंतर ये कि घड़ी को जब आपका दिल चाहे बदल सकते हैं !! मगर पत्नी को चाह कर भी बदल नहीं सकत

 

My Response: 

पति और गधे के बीच समानताएँ और विषमताएँ

  1. गधा समय समय पर धैचू- धैचू की पुकार लगता है और पति समय समय पर चाय चाय की।
  2. गधे से आप वज़न उठाने के अलावा कोई काम नहीं करवा सकते। वो भी तब जब उसकी इच्छा हो। पति का भी ऐसा ही है।
  3. गधे की टांगों को बांध कर न रखा जाए तो वे कहीं भी भाग निकलता है। पति का भी ऐसा ही है।
  4. गधे किसी के सगे नहीं होते। सालों उन्हें कोई खिलाए पिलाए, उनका ध्यान रखे, पहला मौका मिलते ही नकेल तोड़ कर भाग जाते हैं।
  5. गधा घास चरता है, और पति दिमाग।
  6. गधा दुलत्ती मारते हुए बिल्कुल नहीं सोचता कि चोट किसे लगेगी, कितनी गहरी लगेगी। पति भी मुंह खोलते हुए ऐसा कुछ नहीं सोचते।
  7. सारी दुनिया को पता है कि गधा अव्वल दर्जे का आलसी, बेवकूफ, नीरस, और बेसुरा प्राणी है। किन्तु गधे को इस प्रकार का कोई आत्माभास नहीं है। अपनी नजर में वह सचमुच दुनिया का सबसे सुंदर, सर्वश्रेष्ठ प्राणी है।
  8. गधे की नजर सदा नीची रहती है। उसके इरादों पर भी यही विशेषण लागू होता है। पति भी पत्नी के सामने भीगी बिल्ली बनने का अभिनय करते हैं, और उनके इरादे भी अपने समतुल्य प्राणी जितने ही नीच होते हैं।   

 

विषमताएँ

  1. इन दोनों प्राणियों में कोई विषमता नहीं पाई जाती। विधाता ने इन्हें एक ही साँचे में ढाल कर बनाया है।
But this is so painful, that people think it is ok to post stuff that is this insensitive and cruel. I hated writing this repartee. Its cruel and insensitive. But telling people to lay off sexist jokes makes one appear as a party pooper. Giving them a taste of their own medicine will hopefully help them understand exactly what they are bringing to the table. I have now asked the group to post fewer sexist jokes. If this person does not stop, i will have to write more obnoxious stuff. Gives me something to vent, for sure. But not the thoughts i want to have. 
This is, however, the best way to get rid of the anger that such petty content creates. 

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