रावण का होना आवश्यक है ,
राम के
महान होने के लिए।
रावण
अपने लिए नहीं आता।
चिता में से खींच कर,
उसे राम ले आता है,
हर साल,
बार बार,
हर बार,
फिर मार गिराने के लिए।
रावण ने
अमरता का वरदान,
देवों से मांगा था।
देव, सदा ही छलिये होते हैं।
कभी मोहिनी बनते हैं,
कभी,
अमरत्व का अभिशाप देते हैं।
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