Friday, June 20, 2025

माचिस की डिब्बियों जैसे घर

माचिस की डिब्बियों जैसे घरों में 

माचिस की तीलियों जैसे लोग 

एक बार भेजा गरम हुआ तो 

सारा वजूद जल कर राख हो सकता है। 


पर ये लोग 

कुछ पसीने में तर

कुछ शराब में 


वो क्या कहा था गुलज़ार ने? 

सीली तीलियों में आग नहीं लगती*। 


* माचिस फिल्म में एक dialog 




Matchbox houses 

Housing 

Matchstick people 

If the head gets too hot 

everything burns up 


But these people

Some, soaked in sweat 

Others, drowned in drink 


What is it that Gulzar once said? 

Moist matchheads do not catch fire. 


5 comments:

  1. कुछ गीले कुछ सीले लोग इसीलिए जिये चले जाते हैं, कुनमुने से, उन्हें असलियत की खबर ही नहीं हो पाती

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    1. Anita ji: Sach dhoop sa bikhra rehta hai, hum parde band kar lete hain.

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  2. बंद डिब्बे में दिमाग भी कहां ठंडा रहने वाला,,,,,बहुत सही,,,

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