तू मेरी तरफ आती हुई
रुक जाती है
हर बार देखा है
तेरा एक कदम
मेरी तरफ
और एक
दुनिया की तरफ
पड़ जाता है.
आज तुम्हे
एक राज़ बताता हूँ -
दुनिया का
मंथन
हो चुका है
वासुकी
अपने घर जा चुके हैं
देव और दैत्य
लौट चुके
अपने अपने संसार को।
अब वह
केवल सागर है.
किसी बूँद का
कोई नाम नहीं है.
किसी गुमशुदा बूँद का
हिसाब नहीं है.
पकड़ी नहीं जाओगी।
आ जाओ.
रुक जाती है
हर बार देखा है
तेरा एक कदम
मेरी तरफ
और एक
दुनिया की तरफ
पड़ जाता है.
आज तुम्हे
एक राज़ बताता हूँ -
दुनिया का
मंथन
हो चुका है
वासुकी
अपने घर जा चुके हैं
देव और दैत्य
लौट चुके
अपने अपने संसार को।
अब वह
केवल सागर है.
किसी बूँद का
कोई नाम नहीं है.
किसी गुमशुदा बूँद का
हिसाब नहीं है.
पकड़ी नहीं जाओगी।
आ जाओ.
Beautiful
ReplyDeleteThank you Onkar sir.
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