आज, बड़ी अजीब बात हुई. रेडियो पर, कोई गानों को मिला कर, गा रहा था. और मेरे दिमाग में आया, की ये गाने, तुम्हे गाने चाहिए... ये बस तुम्हारी ही आवाज़ में अच्छे लगेंगे. इसी तरह , ठीक इसी बुनावट में. बस आवाज़ तुम्हारी हो.
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मैं रोज़ अच्छे कपडे पहनता हूँ. इत्र रोज़ लगता है. और बाल भी रोज़ संवरते हैं. लोग कहते हैं की लड़के इतने सजीले अमूमन होते नहीं हैं. पर तुम पता नहीं किस दिन मिल जाओ, यूँ ही, कहीं भी..
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मैं रोज़ अच्छे कपडे पहनता हूँ. इत्र रोज़ लगता है. और बाल भी रोज़ संवरते हैं. लोग कहते हैं की लड़के इतने सजीले अमूमन होते नहीं हैं. पर तुम पता नहीं किस दिन मिल जाओ, यूँ ही, कहीं भी..
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:)
ReplyDeleteloved it :)
ReplyDeleteHi Adee: :)
ReplyDeleteHi Manasi: Thanks so much!